शिव महापुराण (Shiv Mahapuran) अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है, जो प्राचीन भारतीय ग्रंथों का विशाल संग्रह है। यह मुख्य रूप से हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव पर केंद्रित है और उनके विभिन्न स्वरूपों और महत्व का वर्णन करता है। मान्यता है कि इस ग्रंथ की रचना महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास द्वारा की गई थी, जो महाभारत के संकलनकर्ता भी थे। माना जाता है कि इसे ईसा पूर्व तीसरी और छठी शताब्दी के बीच लिखा गया था। शिव महापुराण सात खंडों में विभाजित है, जिन्हें “सप्तस्थान” के रूप में जाना जाता है, जिनमें से प्रत्येक का अपना विषय है: 1. विद्येश्वर संहिता: यह खंड ब्रह्मांड के निर्माण, सत्य की प्रकृति और शिव के विभिन्न रूपों से संबंधित है। 2. रुद्र संहिता: यह खंड रुद्र की कहानियों का वर्णन करता है, जो शिव का एक उग्र स्वरूप है। 3. शतरुद्र संहिता: यह खंड शिव से जुड़े विभिन्न पवित्र स्थानों का वर्णन करता है। 4. कोटिरुद्र संहिता: यह खंड शिव और पार्वती के विवाह पर केंद्रित है। 5. उमा संहिता: यह खंड अयोध्या नगर के महत्व और शिव से उसके संबंध का वर्णन करता है। 6. कैलास संहिता: यह खंड शिव के निवास कैलाश पर्वत का महिमामंडन करता है। 7. सौराष्ट्र संहिता: इस खंड में शिव को समर्पित स्त्रोत शामिल हैं। शिव महापुराण केवल कहानियों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह दार्शनिक और धार्मिक ज्ञान का एक स्रोत भी है। यह हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं: शिव का स्वरूप: यह ग्रंथ शिव को परम सत्ता, सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता के रूप में चित्रित करता है। यह उनके विभिन्न रूपों और पहलुओं को भी उजागर करता है, जैसे कि दयालु और करुणामय, उग्र और विनाशकारी, और तपस्वी योगी। शैव संप्रदाय: यह ग्रंथ हिंदू धर्म के भीतर शैव परंपरा के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो शिव की सर्वोच्च वास्तविकता के रूप में पूजा पर बल देता है। धर्म और कर्म: यह ग्रंथ अपने धर्म (धार्मिक कर्तव्य) का पालन करने और कर्म (कारण और प्रभाव) के नियम के महत्व पर बल देता है। भक्ति: यह ग्रंथ जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने के साधन के रूप में शिव के प्रति भक्ति के महत्व को बढ़ावा देता है। शिव महापुराण आज भी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसका पाठ धार्मिक समारोहों के दौरान किया जाता है, और इसकी कहानियां भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का एक स्रोत हैं।